चौथाई चाँद

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चौथाई चाँद
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Table of Contents

  Cover

  Title

  copyright

  विषय सारणी

  पहला अध्याय

  दूसरा अध्याय

  तीसरा अध्याय

  चौथा अध्याय

  पाँचवाँ अध्याय

  छठा अध्याय

  सातवाँ अध्याय

  आठवाँ अध्याय

  नवां अध्याय

  दसवाँ अध्याय

  ग्यारहवाँ अध्याय

  बारहवाँ अध्याय

  तेरहवाँ अध्याय

  चौदहवाँ अध्याय

  पंद्रहवाँ अध्याय

  सोलहवां अध्याय

  सत्रहवाँ अध्याय

  अठारहवाँ अध्याय

  उन्नीसवाँ अध्याय

  बीसवाँ अध्याय

मारिया ग्रेज़िया गुल्लो – मासिमो लोंगो

चौथाई चाँद

कैंपोवर्दे के प्रहरी

अनुवादक

मुमताज़ अज़ीज़ नाज़ाँ

कॉपीराइट © 2019 एम.जी. गुल्लो – एम. लोंगो

मुखपृष्ठ चित्र तथा ग्राफिक मासिमो लोंगो द्वारा रचित और संपादित

सर्वाधिकार सुरक्षित

ISBN

ISBN-13:

विषय सारणी


प्रस्तावना
प्रथम अध्याय जब मैं उसे गले लगाना चाहती हूँ, वह बच कर निकल जाता है.......
दूसरा अध्याय एक ठंडी फुसफुसाहट उस के दिल में उतर गई थी
तीसरा अध्याय उसने महसूस किया कि लड़का दहशत में था, और उसकी हंसी फूट पड़ी
चौथा अध्याय एक आवाज़ उसके कानों में किसी अजनबी भाषा के शब्द फुसफुसा रही थी
पाँचवाँ अध्याय किसी भयानक चीज़ का सामना
छठा अध्याय वह उन लोरियों को अपने दिमाग से निकाल नहीं पा रहा था
सातवाँ अध्याय अस्पष्ट वर्ण लोरी की आवाज़ से जल उठे थे
आठवाँ अध्याय उस भयानक आकृति का एक प्रतिबिंब
नवां अध्याय अनंत को जाने वाली गोल सीढ़ियाँ
दसवाँ अध्याय उसे ऐसा लगा कि वह आसमान में अपने नंगे हाथों से छेद कर देगा
ग्यारहवाँ अध्याय यह विचार उसकी आत्मा को मथता रहा
बारहवाँ अध्याय इसने उसे एक सल्फरयुक्त लहसुन अर्क की याद दिला दी
तेरहवाँ अध्याय वह आकाश से नीचे आई और साथ में अपने काले बादल भी खींच लाई
चौदहवाँ अध्याय वह एक बादल के नीचे चढ़ गई
पंद्रहवाँ अध्याय जैसे उसे ज़मीन खा गई
सोलहवां अध्याय अचानक एक तीव्र गड़गड़ाहट जैसा अजीब सा शोर गूँज उठा
सत्रहवाँ अध्याय जब वह आसानी से आगे बढ़ रही थी, वह सीमा पार कर गया
अठारहवाँ अध्याय पंजे उसकी त्वचा में गहरे धंस गए थे
उन्नीसवाँ अध्याय एक विक्टोरिया स्पंज केक पर आइसिंग की तरह
बीसवाँ अध्याय हर बार कोई बच्चा मुझे एक निश्चित नाम से बुलाता है, इस तरह मेरा नाम रखा जाता है।

प्रस्तावना

“सब कुछ ठीक हो जाएगा, अब तुम बड़े हो गए हो.....जाओ और दूसरे बच्चों के साथ खेलो। हम फिर मिलेंगे, मैं वादा करता हूँ!”

बच्चा आँसू भरी आँखों से उसे दूर जाते हुए देखता रहा; वह, अकेला आदमी, जिसके साथ वह हमेशा से खेलता आया था।

बच्चा धूप से भरे पार्क की तरफ दौड़ता हुआ वापस आया, जहां वह पड़ोस के दूसरे बच्चों के साथ खेल में लग गया, इससे उसके काल्पनिक दोस्त की यादें धीरे-धीरे उसके दिमाग से मिटने लगी थीं।

दूसरे बच्चों के बीच अपना रास्ता बनाने के बाद, वह आखिरकार स्लाइड तक पहुंच ही गया। उसने एक पल भी बर्बाद नहीं किया और तेज़ी से स्लाइड पर नीचे की ओर फिसलना शुरू कर दिया। अभी वह स्लाइड के नीचे तक भी नहीं पहुंचा था, कि उसने देखा कि एक छोटी सी गोरी लड़की अपनी माँ से दूर भागी, और भागते हुए उसके पैरों की ओर आई। वह अपनी गति धीमी नहीं कर पाया और उससे बुरी तरह टकरा गया।

छोटी लड़की ने अपना संतुलन खो दिया और उसका सिर स्लाइड के ठोस किनारे से टकरा गया।

उसने छोटी लड़की तक पहुँचने और यह सुनिश्चित करने की कोशिश की कि वह ठीक है, लेकिन उसकी माँ ने उसे बड़ी बेरहमी से खींच कर उससे दूर कर दिया, जो उसकी मदद के लिए आई थी। अचानक, दादा-दादी और माओं की एक भारी भीड़ बेचारी छोटी लड़की के आसपास इकट्ठा हो गई।

जब वह बड़े लोगों के पैरों के बीच से रेंग कर दूर जाने की कोशिश कर रहा था, तो वह केवल यह सुन सका था कि वह बेहोश हो गई थी। "कोई एम्बुलेंस बुलाओ!"

उस आवाज के साथ, जो उसके कानों में भयंकर ढंग से गूँज रही थी, आशंकाओं ने उसे घेर लिया। वह पार्क के पीछे वाले जंगल की ओर भाग गया।

अचानक, उसके चारों ओर हर चीज पर अंधेरा सा छा गया। ठंडी हवा अजीब सी आवाज़ें निकालती हुई चल रही थी। अज्ञात आवाज़ें पार्क के माँ-बापों की चख-चख के साथ मिल कर उसके कानों में गूंजने लगीं। वे पेड़ों के एक समूह की ओर से आ रही थीं, जहां से एक लंबी सी छाया खुद को ज़ाहिर कर रही थी। फिर वह आवाज़ जो विभिन्न दिशाओं से आ रही थी, और भी तेज़ होती गई। वह अधिक से अधिक तेज़ हो कर उसके कानों तक आती रही, फिर उसे महसूस हुआ कि वह उसके कानों में फुसफुसा रही है:

"दमनबालेस आइस ओम, मिरदो ख्वाइस मिरदो, सेसा विरंट आइस ओम मिरदो ओब्लिविओ इमेंट, मोर्स दमनबालेस आइस ओम, ओस्पेस आरानियस आइस ओम....."

उसने आवाज़ से छुपने के लिए अपने सिर को अपने हाथों से ढँक लिया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। वह अपने घुटनों के बल गिर पड़ा और उसने अपनी आँखें बंद कर लीं...........

"दमनबालेस आइस ओम, मिरदो ख्वाइस मिरदो, सेसा विरंट आइस ओम मिरदो ओब्लिविओ इमेंट, मोर्स दमनबालेस आइस ओम, ओस्पेस आरानियस आइस ओम....."

पहला अध्याय

जब मैं उसे गले लगाना चाहती हूँ, वह बच कर निकल जाता है.......

“एलियो, एलियो, यहाँ आओ! तूफान आने से पहले किराने का सामान रखने में मेरी सहायता करो, प्लीज।” एलियो अब भी अपने नए जूतों में स्थिर खड़ा था और अपनी माँ को घूर रहा था, जो लगातार जल्दी जल्दी अपने सारे कामों को निपटा रही थी।

“एलियो! वहाँ ऐसे खड़े मत रहो! इसे पकड़ो!” उसने उसको झकझोरा और सब्जियों से भरा हुआ एक बड़ा सा थैला उसकी बाहों में दे दिया।

एलियो और कुछ भी करने के मूड में नहीं था। वह मकान की ऊपरी सीढ़ियों तक चढ़ गया, पीछे घूमा और दरवाजे को धक्का दे कर खोला। उसने लिफ्ट की असहनीय लाल चुभने वाली रौशनी को घूरना शुरू कर दिया। फिर वह प्रतीक्षा करना छोड़ कर अपने फ्लैट की ओर जाने वाली सीढ़ियाँ चढ़ने लगा। उसने सामान रसोई की मेज़ पर रखा और अपने बिस्तर पर लेट कर थोड़ा संगीत सुनने की गरज से सीधा अपने कमरे की ओर चल दिया।

अभी ऊपर आ कर कोई बहुत समय नहीं हुआ था, कि उसकी थकी हुई मां उसकी तलाश में लग गई।

वह दरवाजे पर खड़ी चिल्ला रही थी: "तुम क्या कर रहे हो? हमारा काम अभी तक खत्म नहीं हुआ है, आओ और मेरी मदद करो!"

“हाँ, आ रहा हूँ...” एलियो ने बिना हिले जवाब दिया। दरअसल वो केवल उससे छुटकारा पाना चाहता था।

 

ज्यूलिया वापस लौट गई, उसे उम्मीद थी कि इस बार उसका बर्ताव कुछ अलग होगा। वह निराश थी। वह अपने खुद के बेटे को प्रोत्साहित करने के लिए संघर्ष कर रही थी, जो अधिक से अधिक तटस्थ होता जा रहा था।

प्रवेशद्वार से वह अपनी बहन के पदचापों को साफ सुन सकता था, जो जोशीली आवाज़ में उसका नाम पुकार रही थी। “एलियो! एलियो! बिस्तर से अपना पिछवाड़ा उठाओ और माँ की मदद करो। वह नीचे तुम्हारा इंतज़ार कर रही है।” यह जानते हुए भी कि इसका कोई फायदा नहीं होगा, वह चिल्लाती रही ।

एलियो एक इंच भी नहीं हिला। बजाए इसके उसने संगीत की आवाज़ बढ़ा दी और छत की तरफ घूरता रहा, जैसे कुछ हुआ ही न हो।

ज्यूलिया, जिसे थकान की बजाय अपने बेटे से उस बहस ने ज्यादा निढाल कर दिया था, उसने आखिरकार अपनी बेटी गाइया के साथ मिल कर सामान ऊपर लाने का काम खत्म किया। जब वह अपने पाँच मंज़िला मकान की सीढ़ियाँ चढ़ रही थी, जहां लिफ्ट हर दूसरे दिन खराब हो जाती थी (और विडंबना यह थी कि हर बार जब उसे किराने का सामान ऊपर लाना होता था, यह हमेशा खराब ही होती थी), वह एलियो के बारे में सोचती रही। गियालिंगुआ, जिस इलाके में वे रहते थे, उसके आसपास के अन्य सभी परिषद इलाकों की तरह इस इमारत को भी सफेद और नारंगी रंग में रंगा गया था। उस एस्टेट में, जो बीस फ्लैटों में विभाजित थी, जिनका सामने का हिस्सा इमारत के विपरीत किनारों पर था, उनमें बीस परिवार रहते थे।

“यह आखिरी बार है, जो तुम ने ऐसा किया है!” वह रसोई से उस पर चिल्लाई। “तुम्हारे पिता घर आएँ, उससे पहले हम यह काम खत्म करेंगे!”

एलियो उसे सुन ही नहीं रहा था, वह बस उस नीरस संगीत में डूबा हुआ था। कोई भी चीज़ उसे ऊब और मानसिक उन्माद की उस भावना से निकाल नहीं सकता था, जिससे वह घिरा हुआ था। उसकी नीरस दुनिया उसके लिए एक शरणस्थल थी। यह उसका व्यक्तित्व था और दुनिया को उससे ऊपर उठना होगा।

गाइया बिलकुल अलग थी: वह पंद्रह साल की चमकीली आँखों और छोटे काले बालों वाली लड़की थी। अपनी सारी रुचियों को पूरा करने के लिए चौबीस घंटे उसके लिए कम पड़ते थे।

ज्यूलिया भी एक सक्रिय औरत थी। लेकिन अपनी बेटी के उलट उसके बाल सुनहरे और घुँघराले थे, वह थोड़ी भारी थी लेकिन फुर्तीली और दृढ़ संकल्प थी। वह बयालीस वर्षीय पारंपरिक माँ थी: वह हमेशा समय के साथ भागते हुए, काम और परिवार के बीच संतुलन बनाए रखती थी।

यह रात के खाने का समय था। हालांकि एलियो के कमरे से कोई शोर नहीं सुनाई दे रहा था। दरअसल जबसे वह अपने बिस्तर पर गया था, और उसने अपने हेडफोन पहने थे, तब से वह हिला तक नहीं था।

उसने मुख्य द्वार के ताले में चाबी डालने की आवाज़ सुनी। उसी समय जबकि दरवाजा अभी आधा ही खुला था, ज्यूलिया गुस्से भरी आवाज़ में आते ही अपने पति पर बरस पड़ी:

“हम यह नहीं करते रह सकते!”

“प्रिये, पहले मुझे घर के अंदर तो आने दो.....”

ज्यूलिया ने अपने पति का चुंबन लिया और वापस शिकायतें करने लगी।

“यह एलियो के बारे में है, है ना?” उसने ऐसी आवाज़ में पूछा, जैसे उसने हथियार डाल दिये हों।

“हाँ, उसी के बारे में है।” ज्यूलिया ने जवाब दिया।

इसी बीच कार्लो ने अपने बैग से एक खाने का डब्बा निकाला जिसे उसने रसोई में छोड़ा। फिर उसने अपने ब्रीफकेस को अलमारी में रखा। उस गर्मी की लहर के कारण, जो इस मई इलाके में आई थी, वह अपने ब्रीफकेस में हमेशा एक अतिरिक्त टीशर्ट रखता था।

वह बयालीस साल का एक दयालु, लंबा और छरहरा आदमी था। उसके बाल पूरी तरह सफ़ेद हो चुके थे, लेकिन एक समय ये बिलकुल उसकी बेटी की तरह हुआ करते थे। उसका पतला मुंह पोपला हो गया था; अपनी तोते जैसी नाक पर वह हमेशा अपना धातु का गोल चश्मा पहने रहता था।

“क्या हम इस बारे में बाद में बात करें?” इस उम्मीद में कि उसकी बीवी दुखी होगी, उसने उस से सज्जनता से पूछा।

“हाँ, तुम ठीक कह रहे हो प्रिय।” उसने जवाब दिया, लेकिन वह बराबर शिकायतें करती ही रही, जब तक खाना लग नहीं गया।

सौभाग्य से, उसकी निराशा को थोड़ी सकारात्मक रोशनी में बदलते हुए, गाइया अपने दिन के बारे में धाराप्रवाह बात करती रही।

खाना लगाना खत्म करते ही ज्यूलिया ने कहा:

“एलियो को बुलाओ।”

“तुम जानती हो कि यह बेकार है।” उसने जवाब दिया। “तुम जानती हो कि जब तक डैड उसे नहीं बुलाएँगे, वह एक इंच भी नहीं हिलेगा....”

तब ज्यूलिया अपने पति की तरफ पलटी:

“वह उस कमरे में तब से है जब से मैं उसे स्कूल से ले कर आई हूँ। वह और भी बिगड़ता जा रहा है।”

“क्या हमने यह तय नहीं किया था कि वह इस समय से अपने दम पर छुटकारा पा लेगा?”

"मैं उस क्षेत्र में थी... मैं किराने का सामान ले रही थी..."

"तुम हमेशा उसको बचाने के लिए बहाने खोजती हो, लेकिन फिर तुम्हीं उसके व्यवहार के बारे में शिकायत करती हो!"

कार्लो अस्वीकृति के भाव में अपना सिर हिला रहा था। फिर वह काउच से उठा और बच्चे के कमरे में गया।

वह कमरे में बिना दस्तक दिये दाखिल हुआ, और उसने एलियो को बिलकुल उसी जगह पर पाया, जहां ज्यूलिया ने उसे छोड़ा था। वह भावहीन आँखों से छत की ओर घूर रहा था, उसने अब भी अपने सफ़ेद वाईफाई हेडफोन पहने थे, और अब तक अपने जूते भी नहीं उतारे थे।

कार्लो को विश्वास नहीं हुआ कि यह वही लड़का है, जिसके साथ वह हमेशा साइकल की सवारी पर जाया करता था। अब वह 16 साल का था, उसके जितना ही लंबा था, और उसकी हरी आँखें अब भी खूबसूरत थीं, लेकिन वह ऐसी दिख रही थीं, जैसे वे निष्प्राण हों। पिछले कुछ सालों में वह अवसाद से पीड़ित था। कार्लो ने उसकी हँसी इतने लंबे समय से नहीं सुनी थी कि वह उसकी आवाज़ भी भूल गया था। उसे दुख होता था कि वह अब उसके साथ उतना समय नहीं बिता पाता, जैसा पहले बिताता था। हालांकि उसे संदेह था कि अब उसके ध्यान देने का कोई असर होगा।

दुर्भाग्य से अब से काफी साल पहले कार्लो की नौकरी चली गई थी, जिससे वे आर्थिक संकट में आ गए थे। कमाई में वृद्धि के बाद, कंपनी को कई अन्य कपनियों की तरह विदेशों में स्थानांतरित कर दिया गया था।

कार्लो ने नई नौकरी पाने के लिए संघर्ष किया। आखिरकार, उसे एक दूसरे शहर में एक नौकरी की पेशकश की गई। हर दिन उसे काफी दूरी तय करनी पड़ती थी, और यातायात के कई साधन बदलने पड़ते थे, जिसके कारण उसे दिन के अधिकतर समय अपने परिवार से दूर रहना पड़ता था। वह घर लौटने पर इतना थका होता था, कि वह बेसुध हो जाता था। रात के खाने के बाद वह काउच पर लेट जाता और अपनी आँखें खुली रखने की लाख कोशिशों के बावजूद सो जाता।

कार्लो ने उसे हेडफोन उतारने का इशारा किया। एलियो सिर्फ डांट से बचने के लिए उसकी बात मान ली।

“यह खाने का समय है। आओ और खाना खाओ।” उसने आदेश दिया। “तुम्हारी माँ ने बताया कि तुम यहाँ 4 बजे से चिपके हुए हो!”

एलियो बिस्तर से उठ गया, और ज़मीन पर आँखें गड़ाए, अपने पिता के पास गया। फिर अपने पिता की किसी कोशिश के बिना, वह रसोई की तरफ चल दिया।

गाइया पहले से ही मेज़ पर बैठी थी, जो उसने अभी लगाई थी, और अपने दोस्तों को संदेश भेज रही थी और उनके साथ योजनाएँ बना रही थी।

एलियो अपनी बहन के सामने बैठ गया। फिर भी पूरे खाने के दौरान उसने उससे एक भी बात नहीं की।

खाना के दौरान माहौल शांत रहा। एलियो के अलावा हर कोई अपने दिन की घटनाओं के बारे में बात कर रहा था, उसने एक सैंडविच के सिर्फ दो कौर खाए, और जितनी जल्दी हो सका, वापस अपने कमरे में लौट गया। उसकी माँ उसके इस हाव-भाव से नाराज थी, और उसका पिता भी, जिसके चेहरे पर सख्ती थी।

जब कमरे में केवल ज्यूलिया और कार्लो रह गए, और जब वे मेज़ साफ कर रहे थे, तो उन्होंने फिर उसी पुराने विषय पर बात करनी शुरू कर दी: अपने बेटे का खराब व्यवहार।

“हम क्या गलत कर रहे हैं? मैं समझ नहीं पा रही! गाइया कितनी सक्रिय है, खुश और जीवन से भरी हुई!” ज्यूलिया ने कहा।

“मैं ने उसे काफी नज़र अंदाज़ किया है!” कार्लो ने हमेशा की तरह खुद को दोष दिया।

“तुम दुनिया के पहले पिता नहीं हो जिसे बहुत से घंटे घर से दूर बिताने पड़ते हैं। दूसरी तरफ मैं हर शाम घर में रहती हूँ।” उसने फिर से दोहराया, वह नहीं चाहती थी कि उसका पति अपने कंधों पर कोई बोझ महसूस करे।

“यह प्रकृति का सवाल नहीं है, ज्यूलिया, क्योंकि एलियो पहले ऐसा नहीं था, और तुम यह जानती हो।”

“मैं मानती हूँ कि वह ऐसा नहीं था, कार्लो, लेकिन जैसे जैसे बच्चे बड़े होते हैं, वे बदल जाते हैं। और तब, वे खराब से खराब हो जाते हैं, है ना? स्कूल में वह बहुत बुरा है। उम्मीद है कि वह विरोध नहीं करेगा, वरना हम उसे ग्रीष्म शिविर में नहीं भेज पाएंगे.....हम उसे ग्रीष्म स्कूल नहीं जाने दे सकते....वह ऊब जाएगा!”

“ज्यूलिया, आम तौर पर दूसरे बच्चे ग्रीष्म स्कूल में मज़े करते हैं। फ्रेन्सेस्का और ज्यूसेप के बच्चे बहुत मज़ा करते हैं। तुम अच्छी तरह जानती हो कि वह ग्रीष्म शिविर में कुछ नहीं करने वाला! हमें दूसरा विकल्प ढूँढना पड़ेगा, कुछ ऐसा, जो उसे संघर्ष करने के लिए उकसाए। वह तो जीवित ही नहीं दिखता। तुम्हें याद है, जब हम उसकी उम्र के थे तो कितने जीवन से भरे हुए थे?”

“बिलकुल याद है! मेरी माँ दरवाजे पर चिल्लाती थीं कि खाना तैयार है। लेकिन अधिकतर समय मैं उन्हें सुनती ही नहीं थी, क्योंकि मैं खेतों में दौड़ने और घास पर लोटने में व्यस्त होती थी। हम स्वतंत्र और खुश थे। निश्चित रूप से हम शहर में उसे वह ज़िंदगी नहीं दे सकते। फिर भी, वह नहीं जानता कि ग्रीष्म शिविर का अधिक से अधिक लाभ कैसे उठाएँ। उसके कोई दोस्त नहीं हैं, उसकी इस नीरसता, जिसमें वह जी रहा है, को दूर करने में उसकी सहायता करने के लिए हम किसी को नहीं बुला सकते। वह किसी को अपने से जुडने नहीं देता। कभी कभी मैं खुद से पूछती हूँ कि वह हमारे बारे में कैसा सोचता है। जब भी मैं उसे गले लगाना चाहती हूँ, वह कतरा कर निकल जाता है....”

“ज्यूलिया, किशोर अपनी माँ द्वारा लिपटाया जाना पसंद नहीं करते। मुझे यकीन है कि वह अब भी हमसे प्यार करता है, लेकिन हम उससे सही तरीके से संवाद नहीं कर पा रहे हैं। हमें कोई नया रास्ता खोजना होगा। हमें एक ऐसा रास्ता ढूँढना होगा जो उसे जगा सके। शायद वह इडा से बात कर सके? उसके दो जवान लड़के हैं। हो सकता है वह हमें कुछ काम की सलाह दे सके।”

“क्या तुम्हें डर है कि वह लिबेरो के जैसा हो जाएगा? कि वह किसी आनुवांशिक मनोवैज्ञानिक विकार से पीड़ित है?”

“नहीं, लिबेरो के साथ मामला दूसरा है। उसकी समस्या उसके पिता की मृत्यु की वजह से थी। लेकिन एक कॉमन बात है, और इडा का अनुभव उपयोगी हो सकता है। जैसे ही वे ग्रामीण इलाके में रहने गए, उसने वाकई उस लड़के के साथ चमत्कार कर दिया। और उसने यह सब अपने दम पर किया! खेत के साथ भी।”

“हाँ, उससे इसका ज़िक्र करो। मुझे तुम्हारी बहन पर भरोसा है। चीजों को देखने का उसका अपना नज़रिया है, और मुझे यह पसंद है।”

“हमें स्कूल की रिपोर्ट कब मिल रही है?” कार्लो ने अपनी पत्नी से पूछा।

“19 जून को....”

“इससे तो निर्णय लेने में बहुत देर हो जाएगी कि क्या करें। तुम उसके इतालवी के शिक्षक से कहो कि वह तुमसे आमने सामने बात कर ले। हमें फैसला करना है कि हमें अपने बच्चों को कहाँ भेजना है। ग्रीष्म शिविर और ग्रीष्म स्कूल, दोनों के दाखिले 19 से पहले बंद हो जाएंगे।” कार्लो ने सलाह दी।

“हाँ, तुम ठीक कहते हो। हालांकि वह स्कूल में उतना खराब प्रदर्शन नहीं कर रहा, लेकिन हमें हालात के बारे में निश्चित होना पड़ेगा। सिर्फ इतना है कि वह जो भी करता है उसे पूरे मन से नहीं करता। क्या तुम्हें पता है कि दूसरी मंज़िल के किरायेदार रहने आ गए हैं? वह अच्छे लोग लगते हैं। श्रीमति गोवाना ने मुझे बताया कि वे यहाँ पोतेंज़ा से आए हैं। वह दूर है! यह शुरू में उनके लिए आसान नहीं रहा होगा। उनका एक बेटा है जो एलियो की उम्र का ही है। मैं किसी शाम उनको आमंत्रित करूंगी....”

तभी ज्यूलिया ने ग़ौर किया कि कार्लो, जो काउच पर लेटा था, पहले ही सो चुका है।

“आओ प्रिय, हम बिस्तर पर चलते हैं।” वह उसको जगाने के लिए धीरे से उसके कान में फुसफुसाई।

दूसरा अध्याय

एक ठंडी फुसफुसाहट उस के दिल में उतर गई थी

एलियो अपने स्कूल के सामने चौड़े फुटपाथ पर खड़ा था। उसके आसपास के अन्य सभी बच्चे तेजी से बढ़ रहे थे, जल्दी से अपने माता-पिता की कार से उतर रहे थे या घर के रास्ते में एक-दूसरे का पीछा कर रहे थे। दूसरी ओर, वह इस आशा में कि वह उसकी माँ इतालवी शिक्षक के साथ आमने सामने की बातचीत के बाद अभी निकली नहीं होगी, उसकी कार की तलाश में हर तरफ निगाहें दौड़ा रहा था जैसे कि वह उसकी जीवन रेखा थी।

कुछ ही देर में जब स्कूल का मैदान पूरी तरह से खाली हो गया, तो एलियो ने इंतजार करना छोड़ दिया और घर की ओर चल दिया। उसे चलने से नफरत थी। और वह उस असहनीय सड़क पर चलने से भी नफरत करता था, बहुत नफरत करता था, जिसके किनारे किनारे नींबू के पेड़ थे और जो स्कूल को उसके घर से जोड़ती थी।

उसने कुछ और मिनट इंतजार किया और फिर उसने अपने दम पर घर जाने का फैसला किया। फिर, उसने अपने पैरों को आगे बढ़ने का आदेश दिया। किसी और के लिए यह एक आसान काम होगा, लेकिन एलियो के लिए, जिसका अपने पैरों पर बहुत कम नियंत्रण था, यह एक संघर्ष था।

वह डेल कोर्सो से बाएँ मुड़ गया; और कोने पर उसने खुद को सड़क के उस भाग के सामने पाया, जिससे वह घृणा करता था। मुख्य सड़क के किनारे नींबू के पेड़ों की कतारें थीं। किसी और के लिए यह केवल खिलते हुए सुंदर नींबू के पेड़ों का एक समूह था जिसकी खुशबू हवा में घुल गई थी, और पूरे पड़ोस को महका रही थी। जैसे-जैसे वह कठिनाई के साथ पेड़ों की कतार के किनारे चलता हुआ नीचे जा रहा था, उसे महसूस हो रहा है कि कोई उसका पीछा कर रहा है।

वह तेजी से घूमा और उसे लगा कि उसने एक पेड़ के पीछे एक काले जानवर को देखा है।

"यह नहीं हो सकता है" वह खुद से ही कहता रहा "क्या मैंने उस अजीब कुत्ते की नाक पर एक नाक पकड़ चश्मा देखा है?"

वह डरते हुए वापस चलने लगा, क्योंकि उसने पेड़ों के पीछे छाया देखी थी। और जैसे कि यह काफी नहीं था, शाखाओं के बीच से हो कर हवा बह रही थी। एक ठंडी फुसफुसाहट उस के दिल में उतर रही थी; यह उसके कानों को चुभ रही थी और फिर उसके मस्तिष्क में फंस गयी।

वह उन ध्वनियों का अर्थ नहीं समझ सका। उस गंदे एहसास में फंसकर, उसने अपने शरीर को कोशिश करके भागने पर मजबूर किया। उसे पसीना आ रहा था, और जितना अधिक वह भागता था, उतनी ही अधिक वे आवाजें और छायाएं उसके करीब पहुंचती प्रतीत होती थीं।

वह जितनी तेजी से दौड़ सकता था, उतनी तेजी से दौड़ने लगा। फिर, उसने एक क्रूर आवाज सुनी, जो उसे दौड़ना बंद करने का आदेश दे रही थी। वह तेजी से घूमा और एक बार फिर पास के एक पेड़ के पीछे छिपी एक काली आकृति को देखा। वह पहले ही मुख्य सड़क के साथ लगे चौराहे पर पहुंच गया था, जिससे उस दुःस्वप्न पर विराम लग गया था।

 

हालांकि, उसे अपनी गर्दन के पीछे ठंडी हवा सी महसूस हुई। वह फिर से पलटा, और इस बार बिना रुके भागा, लेकिन किसी चीज ने उसे जोर से मारा और उसे जमीन पर गिरा दिया।

एलियो चौंका और अपने सिर को अपनी बाहों में थामे एक गेंद पर से लुढ़क गया।

और बिलकुल उसी क्षण, उसने सुना, एक परिचित आवाज उसे पुकार रही थी:

"एलियो! एलियो! तुम यहाँ कर क्या रहे हो?"

यह उसकी बहन थी जो उसे डांट रही थी। वह नाराज़ थी क्योंकि उसने उसे ज़ोर से धक्का मारा था। फिर उसने महसूस किया कि एलियो किसी भयानक अवस्था में था।

वह शांत हो गई, और पूछने लगी:

"तुम्हे कैसा लग रहा है?"

उसकी आवाज सुनकर एलियो ने अपना सिर उठाया।

गाइया ने ध्यान दिया कि वह घबराया हुआ था, पसीने से तर था और उसका चेहरा सामान्य अधिक फीका था। एक पल के लिए, उसने यह पता लगाने की कोशिश की कि वह क्यों भाग रहा था। यह उसके लिए बहुत असामान्य था। उसे ऐसा लग रहा था कि वह किसी ना किसी से दूर भाग रहा था। इस बीच, उसने उठने में उसकी मदद की।

"तुम ऐसे क्यों भाग रहे थे?" उसने पूछा। "क्या किसी चीज़ ने तुम्हें डरा दिया था?"

गाइया को याद नहीं आ रहा था कि पिछली बार एलियो कब भागा था। एलियो ने जवाब नहीं दिया। वह केवल इतना चाहता था कि वह जल्द से जल्द सड़क से दूर भाग जाए। वह बिना कुछ कहे कोने से मुड़ गया।

गाइया उसके लिए चिंतित हो गई।

"एलियो!" उसने उसे फिर से बुलाया।

“नहीं, कुछ भी नहीं।” एलियो ने बेरुखी से जवाब दिया, “सच में कुछ भी नहीं।”

एलियो के व्यवहार ने गाइया को फिर से नाराज़ कर दिया था।

“अच्छा? कुछ नहीं, हाँ? तुम दौड़ते दौड़ते मेरे अंदर घुस गए थे। फिर भी तुम कह रहे हो कि कुछ नहीं!”

एलियो ने बहस खत्म करने के लिए उससे माफी मांग ली, जिससे वह और भी थका हुआ महसूस करने लगा।

“माफ करना।” उसने कहा।

उन सतही क्षमायाचनाओं ने गाइया को और अधिक नाराज़ कर दिया। हालाँकि, वह अपने भाई के लिए चिंता में डूबी, उसके पीछे-पीछे चलती रही।

रविवार सुबह तक, कार्लो और जूलिया ने आखिरकार एक निर्णय लिया। जब वे नाश्ता बना रहे थे, वे अपने विचार पर चर्चा करते हुए अपने बच्चों के जागने की प्रतीक्षा कर रहे थे।

"वह कितनी अच्छी है कि उसने यह प्रस्ताव रखा। उम्मीद है, बच्चे अच्छा व्यवहार करेंगे।" अपने चेहरे पर एक बड़ी मुस्कान के साथ जूलिया ने कहा।

यह एक कठिन निर्णय था, लेकिन अब जब वे इसे ले चुके थे, कार्लो और वह इसके बारे में अजीब तरह से उत्साहित महसूस कर रहे थे।

"गाइया ख़ुश होगी।" कार्लो ने कहा। "दूसरी ओर, एलियो, हमेशा की तरह उदासीन रहेगा।"

"मुझे नहीं लगता...समर कैंप में गाइया ने बहुत सारे बच्चों से दोस्ती की थी। वह नाराज़ हो जाएगी। और जहां तक एलियो की बात है, वह वैसे भी उससे नफरत करेगा।" ज्यूलिया ने टिप्पणी की।

"मैं अब और इंतजार नहीं कर सकता। मैं उन्हें जगाने जा रहा हूं।" कार्लो ने दृढ़ स्वर में कहा, और उन्हें उनके नाम से पुकारते हुए उनके कमरों की ओर चल दिया।

उसने उन्हें मुंह भी नहीं धोने दिया।

"तुम्हारी माँ ने और मैंने मिल कर फैसला किया है कि तुम लोग गर्मियों में क्या करने जा रहे हो। स्कूल शुक्रवार को बंद होंगे और रविवार की सुबह तुम लोग अपना सामान पैक कर के ट्रेन के स्टेशन पर नज़र आओगे!"

"लेकिन समर कैंप अभी एक-दो हफ्तों तक शुरू नहीं होगा!" गाइया ने चिंतित होकर अपनी माँ की ओर देखते हुए पूछा, जो रसोई के दरवाजे पर खड़ी देख रही थी कि गलियारे में क्या चल रहा है।

“दरअसल इस बार तुम समर कैंप नहीं जाओगी,” ज्यूलिया ने जवाब दिया, तो गाइया का डर सच साबित हो गया। “हम ने सोचा कि हम तुम्हें पुराने जमाने की तरह गरमियाँ बिताने का एक मौका दें; जैसे कभी हम बिताया करते थे, जब हम तुम्हारी उम्र के थे।”

“इसका क्या मतलब हुआ?” गाइया ने पूछा, जबकि एलियो अपने चेहरे पर मनहूसियत सजाए खामोश बैठा रहा।

“तुम बाहर जा सकती हो, अपनी सांस फूलने तक खेतों में भाग सकती हो, तालाबों में तैर सकती हो और अपनी गर्मियों की रातों में स्थानीय मेलों की सैर कर सकती हो।” कार्लो ने अपनी बेटी को समझाया।

गाइया ने देखा, उसके माता-पिता एक दूसरे को देख कर हँस रहे थे, और फौरन ही उसे खयाल आया कि वे मज़ाक कर रहे होंगे।

“मज़ाक मत कीजिये, आज आप लोगों को हुआ क्या है?”

“यह मज़ाक नहीं है। इडा बुआ ने तुम लोगों को इन गर्मियों में अपने यहाँ आने का निमंत्रण दिया है।” आखिरकार कार्लो ने अपने बच्चों पर रहस्य खोल दिया, जो उस की ओर शक भरी नज़रों से देख रहे थे।

“यह एक बुरा सपना है। मैं दोबारा सोने जा रही हूँ!” गाइया ने कहा, जो देखने में ही नाराज़ लग रही थी।

“मुझे लगा था कि तुम खुश होगी।” उसके पिता ने कहा।

“खुश? मैं ने पहले ही अपने दोस्तों से बता दिया था! मैं ने पूरी सर्दियों इंतज़ार किया है!”

“गाइया, तुम बुआ के यहाँ भी दोस्त बना लोगी।” जूलिया ने उसे प्रोत्साहित किया।

“लेकिन मैं ऐसा क्यों करूँ? मैं ऐसा समर कैंप में करना चाहती हूँ। मैं बाहर घूम सकती हूँ और झील में गोता लगा सकती हूँ। मैं कहीं और नहीं जाना चाहती।”

“हाँ, तुम नहीं जाना चाहतीं, लेकिन एलियो को जाना है, उसे हवा-पानी बदलने की ज़रूरत है।”

“मैं जानती थी!” उसने तपाक से कहा, “यह एलियो के कारण है! तो वह खुद इडा बुआ के यहाँ क्यों नहीं जा सकता?”

“हम नहीं चाहते कि वह बिलकुल अकेला जाए।” जूलिया ने आग्रह किया।

“मैं उसकी आया नहीं हूँ।”

“लेकिन तुम उसकी बहन हो। तुम कुछ क्यों नहीं बोलते, एलियो?” कार्लो ने पूछा।

एलियो ने एक शब्द भी नहीं कहा। उसने केवल अपने कंधे उचकाए, जिसने गाइया का दिमाग खराब कर दिया।

“तो? कुछ नहीं? तुम्हारे लिए कोई चीज़ माने नहीं रखती। चलो भी, माँ और पापा को बताओ कि तुम गाँव में भी कुछ करने वाले नहीं हो।”

“एलियो ने उससे सहमत होते हुए हाँ में सिर हिलाया।”

“अब बस करो, गाइया! अब यह सब मत करो! हम पहले ही निर्णय ले चुके हैं। तुम्हारा भाई लिबेरो तुम्हें स्टेशन पर लेने आएगा।” कार्लो ने वार्तालाप पर विराम लगा दिया।

गाइया भाग गई, जो देखने में ही निराश और गुस्सा लग रही थी।

“वह इससे निपट लेगी।” जूलिया ने कहा, जो अपनी बेटी के जोशीले स्वभाव को जानती थी।

एलियो बिना किसी का ध्यान खींचे अपने कमरे में लौट गया।

कार्लो चकित था। हालांकि उसे विश्वास था कि उनका निर्णय आगे चल कर बेहतरीन साबित होगा।

शुक्रवार बहुत जल्दी आ गया। कार्लो अपने भांजे को स्टेशन से लेने गया। वह उसे दोबारा गले लगाने के विचार से ही अत्यधिक खुश था।

लिबेरो एक खुश मिजाज, अल्हड़ और स्वच्छंद लड़का था। वह लंबा और दुबला था, लेकिन इतना नहीं कि उसकी हड्डियाँ दिखने लगें। उसका चेहरा धूप से सांवला हो गया था, उसके हाथ बड़े थे और पारिवारिक खेत में काम करने के अभ्यस्त थे। उसकी हरी आँखें उसकी त्वचा से मैच नहीं करती थीं और उसके छोटे भूरे बाल 50वें दशक के आदमियों की तरह उल्टी मांग में कढ़े हुए थे। उसने अपने मामा को कस कर गले लगाया और फिर उनकी बातों का सिलसिला बंद ही नहीं हुआ।

कार्लो उसे ताज्जुब से देख रहा था। उसे वह समय अच्छी तरह याद था, जब लिबेरो बीमार, उदासीन और चिड़चिड़ा था। हालांकि लिबेरो कोई खास बुद्धिमान नहीं था, लेकिन जो सादा जीवन वह जी रहा था, उसने उसे खुशमिजाज बना दिया था। कार्लो चाहता था कि एलियो अपने भाई को सकारात्मकता के साथ गले लगाए। इस बीच लिबेरो अपनी नाक कार की खिड़की में घुसेड़े था और वह रास्ते में दिखने वाली हर चीज़ के बारे में सवाल पूछ रहा था।

घर पर सब लोग उसका इंतज़ार कर रहे थे।

ज्यूलिया आखिरी चीज़ें पैक करते समय घबराई हुई थी। समय करीब आ रहा था, और वह खुद से पूछ रही थी कि क्या सब कुछ ठीक हो जाएगा। आखिर वह उनकी माँ थी, और चिंता के अलावा और कुछ नहीं कर पा रही थी।

दूसरी ओर गाइया पहले ही इस विचार से समझौता कर चुकी थी। वह पूरे घर में अपनी माँ के पीछे पीछे फिर रही थी और उससे हजारों सवाल पूछ रही थी: वह क्या क्या देख सकती है? वह खेत के आस-पास क्या करेगी?

एलियो और वह तब खेत पर गए थे, जब वे बच्चे थे और उनके दादी-दादा जीवित थे। उनके दिमाग में उस स्थान की केवल कुछ धुंधली धुंधली सी यादें ही थीं: खेत, और उन पेड़ों की मीठी सी खुशबू, जिनके आस-पास वे लुका छिपी का खेल खेला करते थे।

जबसे उसके पति की मृत्यु हुई थी, इडा बुआ अपनी ज़िंदगी को दोबारा पटरी पर लाने के लिए संघर्ष कर रही थी। इसलिए उसने अपने बच्चों के साथ अपने माता-पिता के खाली पड़े पुराने खेत में बस जाने का निर्णय लिया था।

जैसे ही गाइया ने ताले में घूमती हुई चाबी की आवाज़ सुनी, वह अपने फुफेरे भाई की ओर दौड़ी, जिसने उसे उठा लिया और उसे लिए लिए चकरघिन्नी के जैसा घूम गया। गाइया मुसकुराई, उसने इतनी प्यारी गर्मजोशी की आशा नहीं की थी।

“हाय लिबेरो, तुम कैसे हो?” उसने गर्मजोशी से अपने फुफेरे भाई से पूछा, जिसे वह काफी लंबे समय बाद मिल रही थी।

“अच्छा हूँ, प्यारी बहन।” लिबेरो ने जवाब दिया।

उसी समय ज्यूलिया भी उनके बीच शामिल हो गई और लिबेरो ने उसे दोनों गालों पर एक एक हल्का सा चुंबन दे दिया।

“तुम्हारा सफर कैसा रहा?” जूलिया ने कुछ सोचते हुए पूछा।

“बहुत अच्छा, जब सफर करना हो तो “लोहे की गाय” बेहद तेज़ और आरामदेह साबित होती है; और शहर बहुत सी देखने लायक दिलचस्प चीजों से भरा पड़ा है। मैं यहाँ आ कर बहुत खुश हूँ।”

“प्लीज़, बैठो। तुम थक गए होगे। क्या तुम कुछ आइसक्रीम खाना चाहोगे?” ज्यूलिया ने पूछा।

“हाँ, धन्यवाद मामी।” लिबेरो ने खुशी से स्वीकार किया, “एलियो कहाँ है?”

“एलियो अपने कमरे में है। वह कुछ ही देर में आ जाएगा।” कार्लो ने जवाब दिया। उसका दिमाग खराब हो रहा था कि उसके बेटे ने आ कर अपने भाई से अभिवादन तक करने की ज़रूरत नहीं समझी, जो केवल उन्हें लेने के लिए इतनी दूर से आया था। जैसे ही वह एलियो के कमरे की ओर जाने लगा,

लिबेरो कहने लगा: “चिंता मत कीजिये, मामा कार्लो, मैं जाता हूँ। मैं उसे चौंकाना चाहता हूँ। मुझे बताइये ना, उसका कमरा कौन सा है?”

जैसे ही कार्लो ने एलियो के कमरे की तरफ इशारा किया, लिबेरो उसके दरवाजे की तरफ भागा। जब वह अपने भाई का अभिवादन कर रहा था, उसकी खुशी भरी आवाज़ बाहर गलियारे तक सुनाई दे रही थी।

अपने आम ठंडे बर्ताव के बावजूद, एलियो भी लिबेरो के चकरघिन्नी वाले प्यार को अनदेखा नहीं कर सका।

गाइया ने अपनी माँ की ओर देखा और फुसफुसाई:

“मुझे याद नहीं था कि वह इतना भोला भाला है।”

“ऐसे मत कहो।” जूलिया ने उसे फौरन डांटा, “वह एक अच्छा लड़का है। और वह बहुत दयालु भी है।”

“हाँ, लेकिन......क्या तुम्हें विश्वास है कि वह हमें सुरक्षित गाँव तक ले जा पाएगा?” गाइया ने अनिश्चितता से पूछा।

“हाँ बिलकुल ले जाएगा!” कार्लो ने उसे विश्वास दिलाया। “उसे कम मत समझना। वह और उसकी माँ मिल कर खेत को संचालित कर रहे हैं। वह मजबूत और चालाक है।”

रात के खाने का समय हो गया, और वह समय खुशी खुशी बीता। वास्तव में लिबेरो अपने साथ गाँव की सारी उत्सवधर्मिता और जीवंतता ले कर आया था, जिसे एलियो के अलावा हर किसी ने सराहा था।

“मैं वाकई तुम्हें वहाँ आस-पास घुमाने के लिए उतावला हो रहा हूँ।” लिबेरो ने अपने भाई-बहन को खेत का विवरण देते समय इस तरह अपनी बात समाप्त की।

“तुम कुछ दिन यहाँ ठहरो ना, फिर चले जाना?” ज्यूलिया ने कहा।

“मैं साल के इन दिनों माँ को अकेला नहीं छोड़ सकता। वहाँ कई चीजों की देखभाल करनी होती है।”

“तुम ठीक कहते हो, लिबेरो। तुम सच में बहुत अच्छे लड़के हो।” कार्लो ने नरमी से उसका कंधा थपथपाते हुए उसकी तारीफ की।

“आपको पता है, कार्लो मामा, मैं कुछ पूछना चाहता था। यहाँ शहर आने से पहले मैं सोचता था कि आप हॉर्न केवल आपात स्थिति में बजाते होंगे......”

“हाँ, यह सही है।” कार्लो ने जवाब दिया, “क्यों?”