चौथाई चाँद

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“क्योंकि ऐसा लगता है कि हर कोई इसे ऐसे प्रयोग करता है, जैसे वह किसी पार्टी में संगीत बजा रहा हो! वे हार्न बजाना कभी बंद ही नहीं करते।”

हर किसी की हंसी छूट गई, सिवा एलियो के, जो चकित था कि लिबेरो ने कोई चुटकुला सुनाया था क्या, या फिर...........

तीसरा अध्याय

उसने महसूस किया कि लड़का दहशत में था, और उसकी हंसी फूट पड़ी

अगली सुबह लिबेरो ने ज्यूलिया को जगाया, क्योंकि उस का पाँव गलियारे के कालीन में फंस गया था, तो ज्यूलिया और उसने बाकी लोगों के उठने से पहले ही नाश्ता कर लिया। जब ताज़ा कॉफी की महक कार्लो के कमरे में घुसपैठ कर गई तो उसने भी रसोई घर का रास्ता लिया, और उसने सफाई देनी शुरू की कि एलियो के साथ आखिर क्या समस्या थी।

“चिंता मत कीजिए।” लिबेरो ने उसे तसल्ली दी, “यह घर के बाहर का अनुभव उसकी मदद करेगा। और माँ ने पहले ही से एक रणनीति बना ली है।”

जब वे ट्रेन के स्टेशन पहुंचे तो ज्यूलिया बच्चों को नसीहत करने से खुद को रोक नहीं पाई कि उन्हें वहाँ कैसे बर्ताव करना चाहिए।

गाइया से इंतजार नहीं हो पा रहा था; वह उत्साहित और उत्सुक थी। दूसरी तरफ यह साफ था कि एलियो केवल इसमें घसीटा जा रहा था। इस पर तुर्रा ये कि उसे गाइया के भारी सामान भी ढोने पड़ रहे थे, केवल इसलिए कि लिबेरो ने उसे ऐसा करने पर मजबूर किया था: “महिलाओं को वज़न नहीं उठाना चाहिए!” उसने कहा था, जिसने एलियो को आँखें नचाने पर मजबूर कर दिया था। उसके लिए पहले ही अपने फुफेरे भाई को झेलना मुश्किल था।

लिबेरो ने जींस, टीशर्ट और नागरिक सुरक्षा वाली पीले-गेरुए रंग की बेसबाल कैप पहनी हुई थी, जो उन भाई-बहन को बिल्कुल अतरंगी लग रही थी। इस के अलावा उसने बाकी के सामानों को इतनी आसानी से उठा रखा था जैसे वे खाली हों।

ट्रेन बिल्कुल ठीक समय पर चल पड़ी। जिस डब्बे में उनका आरक्षण था, उसमें और कोई नहीं था। लिबेरो ने सारे सामान को सर के ऊपर बनी जगह में व्यवस्थित ढंग से रखने के बाद सुझाव दिया:

“गाइया, मेरे साथ आओ, चलो हम पैन्ट्री कार में चल कर कुछ और नाश्ता ले आएं। यह सफर लंबा है और हमें अपनी सारी शक्ति जुटानी होगी। एलियो सामान की निगरानी कर सकता है। कोई उनके पास तक नहीं आएगा। अगर कोई आए तो आवाज देना।” लिबेरो ने अपने ममेरे भाई से कहा, “और अगर तुम ऐसे लंबोतरा चेहरा बनाना बंद कर दोगे तो हम तुम्हारे खाने के लिए भी कुछ ले आएंगे....”

गाइया और लिबेरो डब्बे से निकल गए, जो एलियो के लिए बड़ी राहत की बात थी, क्योंकि वह अकेला रहना चाहता था।

वह खिड़की के बाहर बार बार आते एक से नज़ारों को घूर रहा था। उन्होंने अभी अभी शहर के औद्योगिक क्षेत्र को पार किया था और अब चारों ओर खेतों और पहाड़ों का सिलसिला शुरू हो गया था, जो बार बार दिखाई दे रहे थे।

अचानक खिड़की के कांच पर उसने एक बूढ़े व्यक्ति का प्रतिबिंब देखा, जो उसकी सीट के ठीक बगल में, गलियारे वाली सीट पर बैठा था।

वह डब्बे में कब आया? उसने दरवाजों के खुलने की आवाज नहीं सुनी थी।

बूढ़ा व्यक्ति काला लिबास पहने हुए थे और उसने अपनी नाक पर एक अजीब सा चश्मा चढ़ा रखा था। वह एक काले चमड़े की किताब पढ़ रहा था, जो सदियों पुरानी दिख रही थी, जिसके पन्ने टिशू पेपर से बने थे। उसने अपने सर पर हैट पहन रखी थी, जिसने उसके चेहरे को ढक रखा था। पूरा दृश्य बेचैन कर देने वाला था।

एलियो पीछे नहीं पलटा, लेकिन वह खिड़की में दिखते प्रतिबिंब के माध्यम से उस पर नजर रखे हुए था। उसने उस आदमी के साथ अकेले होने की वजह से डर महसूस किया। उस पल वह निश्चित रूप से चाहता था कि काश उसका बड़ा और ताकतवर फुफेरा भाई उसके बाजू में बैठा होता। हालांकि न वह वापस लौट रहा था, न गाइया।

इधर बूढ़ा व्यक्ति अब भी अपनी किताब पढ़ रहा था। बीच बीच में वह एक पुरानी घड़ी में समय देख लेता था, जो उसने अपनी जैकेट की ऊपरी जेब में रखी हुई थी, जो उसने नफासत से अपने पुराने फैशन के कोट के नीचे पहन रखी थी।

इससे एलियो को और भी उलझन हो रही थी, जो जिज्ञासु हो रहा था कि आखिर वह आदमी किसका इंतज़ार कर रहा था। अवश्य ही यह कुछ बहुत अति महत्वपूर्ण चीज़ होगी कि वह लगातार घड़ी की ओर देखे जा रहा था।

अचानक एक बार और घड़ी देख कर बूढ़े आदमी ने अपनी किताब बंद कर दी और काले बैग में से कुछ निकालने के लिए नीचे झुक गया, जो उसने अपने पैरों के बीच में दबा रखा था। जब वह नीचे झुका तो उसकी पैंट ज़रा सी ऊपर उठ गई जिससे उसके काले टखने और अजीब से पतले काले मोज़े जो काले फर के जैसे दिखते थे, उजागर हो गए।

एलियो का अपने डर पर क़ाबू नहीं रहा और वह काँपने लगा। जब बूढ़ा आदमी अपने खुद के बैग से कुछ निकाल रहा था, वह ठहाका लगा कर हंस पड़ा, जैसे वह एलियो की दहशत को समझ गया हो। यह एक लंबी, गहरी और भयानक हंसी थी, जो उसके कानों में गूंज रही थी। एलियो ने उस शोर से बचने के लिए अपने कानों को अपने हाथों से ढक लिया। उसने उस आदमी के प्रतिबिंब को देखने से बचने के लिए अपनी आँखें बंद कर लीं और मन ही मन कहने लगा: “लिबेरो, वापस आ जाओ। लिबेरो वापस आ जाओ।”

फिर डब्बे का स्वचालित दरवाजा बड़े बेढंगेपन से खुला।

“एलियो, तुम क्या कर रहे हो? क्या तुम्हें कान का इन्फेक्शन लग गया है? इन शहरी विषाणुओं से हम गाँव वालों को संक्रमित मत कर देना!”

एलियो चौंका। फिर जब उसने लिबेरो की मज़ाकिया आवाज़ को पहचाना, तब उसने मुड़ कर अपने भाई को हँसते हुए देखा; उसने अपने हाथों में एक शॉपिंग बैग और एक सॉफ्ट ड्रिंक की बोतल पकड़ी हुई थी। गाइया उसके ठीक पीछे खड़ी थी और एक बड़े से क्रोइसेन को दातों से काट कर खा रही थी।

वहाँ बूढ़े आदमी का नामो-निशान नहीं था। वह वैसे ही गायब हो गया था, जैसे वह पहले प्रकट हुआ था। जो भी चीज़ उससे संबन्धित थी, वह हर चीज़ गायब हो चुकी थी: उसकी किताब, उसकी घड़ी और उसका बैग। लिबेरो एलियो के बगल में बैठा, और उसे एक क्रोइसेन देते समय उसने ध्यान दिया कि वह काँप रहा था।

“क्या कुछ हुआ था?” उसने पूछा।

“मुझे लगता है यह मोशन-सिकनेस है।” एलियो ने झूठ बोला।

गाइया समझ गई कि उसका भाई अपने किसी संकट से जूझ रहा है और उसने खुद से वादा किया कि वह यह समस्या लिबेरो को बताएगी।

बाकी की यात्रा शांत थी। लिबेरो उन्हें फसल काटने के उत्सव के बारे में बताता रहा, जो जल्दी ही शुरू होने वाला था और जिसमें सभी पड़ोस के गाँव शामिल होते थे। यह गाँव के बाहर की ओर आयोजित होने वाला था और शाम परंपरागत नृत्यों, जैसे टरेंटा और अधिक आधुनिक वालो से जीवंत हो उठेगी।

एलियो अपनी बहन और चचेरे भाई को देख रहा था, और खुद से पूछ रहा था कि वे दोनों कैसे इतनी जल्दी करीब आ गए। इसके बावजूद, वह उनके साथ यात्रा कर के खुश था। वे सभी घटनाएँ उसे चिंतित कर रही थीं। क्या वह अपने व्यक्तित्व के खिलाफ किसी तरह की साजिश का शिकार हो रहा था, या वह पागल हो रहा था?

लिबेरो घबरा गया, क्योंकि अब ट्रेन से उतरने का समय था। उसने खिड़की से श्रीमती जीना के घर की ओर देखा, जिसे पहचान के एक निशान के रूप में लिया जाता था। जैसे ही ट्रेन रुकी, उसने बैग ले लिये। इसके बाद, जब गाइया ने दरवाजा खोला, तो वह उन लोगों की तरह घबराकर जल्दी से ट्रेन से बाहर आ गया, जो अक्सर यात्रा करने के अभ्यस्त नहीं होते।

स्थानीय लोग उसे एक स्टेशन मानते थे, लेकिन वास्तव में यह सुदूर स्थानों के बीच में बस एक पड़ाव था। अगर कोई सुविधा यहाँ मौजूद थी तो वो थी एक छेद वाली छत और एक टूटी फूटी टिकट मशीन, जो एक पूर्व रेकॉर्डेड संदेश सुनाती थी: “सावधान, इस स्टेशन का निरीक्षण नहीं किया जा रहा है। जेबकतरों से सावधान।”

लिबेरो ने एक गहरी सांस खींची और कहा:

“आखिरकार, ताज़ा हवा। कैंपओवरडे में स्वागत है।”

“मुझे तो अभी से खेतों की महक आनी शुरू हो गई है।” गाइया ने गौर किया, “तुम्हें, एलियो?”

एलियो को शहर की तुलना में कोई अलग एहसास नहीं हुआ, और उसने केवल अपने कंधे उचका दिये।

“एलियो, गाइया के सामान उठा लो। मैं दूसरे सामान ले लेता हूँ।” लिबेरो ने आदेश दिया।

गाइया अनपेक्षित रूप से लिबेरो के शरीफाना रवैये का मज़ा ले रही थी, जो आम तौर पर उसे झुँझला देता था। लेकिन लिबेरो इतना वास्तविक था कि वह इससे आनंदित हो जाती थी और उससे खेलने लगती थी। हो सकता है कि वह उसको एक बेवकूफ समझ कर भूल कर रही हो.....

गाइया और लिबेरो बात करने वाली मशीन के बिलकुल सामने से गुजरे, जो बार बार एक ही बात दोहराए जा रही थी, और वे मुसकुराते हुए सुरंग की ओर बढ़ गए।

सुरंग की सीढ़ियां चढ़ने और उतरने के लिए एलियो को गाइया के बड़े सामान को उसके हैंडल से पकड़ना पड़ा। वह पूरी तरह से थक चुका था।

आखिरी की कुछ सीढ़ियों में, इस उम्मीद में, कि पार्किंग की जगह इडा आंटी उन्हें घर ले जाने के लिए उनका इंतज़ार कर रही होंगी, उसने आखिरी प्रयास किया।

लेकिन जब वे पार्किंग की जगह पहुंचे तो उसने देखा कि कोई भी उनका इंतज़ार नहीं कर रहा था। लिबेरो अपनी बगल में गाइया को लिए पश्चिम की ओर एक संकरी सड़क पर बढ़ चला, जिसमें ऊबड़-खाबड़ ढंग से खड़ंजे बिछे हुए थे। सड़क के दोनों ओर दो नहरें बह रही थीं, जो इसे एक ओर भुट्टे के खेतों से और दूसरी ओर गेहूं के खेतों से अलग करती थी।

एलियो जो बेचैनी से अपनी साँसों को संभालने की कोशिश कर रहा था, उन पर एक पल रुकने के लिए चिल्लाया। उसकी बहन भ्रमित सी पीछे मुड़ी। उसे याद नहीं था कि पिछली बार उसने अपने भाई को इस लहजे में बात करते कब सुना था, कब अकेले रह जाने पर वह इस तरह चिल्लाया था।

“आंटी इडा की कार कहाँ है?” एलियो ने पूछा।

“ओह, माफ करना, मैं तुम्हें बताना भूल गया था। उन्होंने मुझे यह बताने के लिए फोन किया था कि वे नहीं आ पाएँगी। कैमिला, हमारी गाय, प्रसव वेदना में है और माँ उसे इस हालत में अकेला नहीं छोड़ सकतीं।”

“कैमिला? प्रसव वेदना में? हम क्या करने जा रहे हैं?” एलियो ने हाँफते हुए पूछा।

“चिंता मत करो। सिर्फ चार मील चलना है और हम खेतों पर होंगे।” लिबेरो ने सहज भाव से जवाब दिया।

“चार मील?” ये एलियो के आखिरी शब्द थे।

“चलो! तुम्हारी बहन का सामान तो कुछ भी नहीं है!” लिबेरो ने उसे चिढ़ाया, और वह भी चलने लगा।

कुछ दूरी पर पहले कुछ घर दिखाई दिये थे।

“वह वहाँ है! चेरी के पेड़ों के पीछे वाला घर हमारा है। वह खेत है।”

लिबेरो ने एक गहरे लाल रंग के घर की ओर इशारा किया, जिसकी खिड़कियों पर हरे ब्लाइंड थे। सामने के द्वार से कपड़े सुखाने की रस्सी तक एक समृद्ध और सुंदर बागीचा फैला हुआ था, जहां से तबेले की शुरुआत होती थी। इसके आगे केवल खेत थे।

“माँ, हम आ गए!” लिबेरो सामान रास्ते पर छोड़ कर चिल्लाया और तबेले की ओर भाग गया।

इडा आंटी सामने के दरवाजे से बाहर आईं।

“मेरे भतीजे और भतीजी!” वह खुशी से चिल्लाई।

गाइया ने अपनी बाहें उसके गले में डाल दीं। एलियो, जो थक गया था, उसके पास गया और केवल नम्रता ज़ाहिर करने के लिए उसके गाल को चूम लिया।

इडा अपने पचासवें वर्ष में थी, लेकिन उसकी कुदरती सुंदरता ज़रा भी कम नहीं हुई थी। वह एक छरहरी, औसत क़द की महिला थी....उसका शरीर सुडौल था, हालांकि उसकी बाहें और टांगें किसी धावक की तरह मांसल और मजबूत थीं। खेत की मुश्किल ज़िंदगी उसके लिए रोज़ की कसरत थी। उसने अपने सुनहरे बालों को पोनीटेल में बांध रखा था और उसकी गोरी त्वचा उसकी हरी आँखों को दर्शनीय बना रही थी, बिलकुल उसके भांजे की तरह।

 

इसी बीच लिबेरो तबेले से बड़ी सी मुस्कान लिए वापस आ गया।

“कैमिला को बछिया हुई है! हमारे लिए और अधिक दूध!”

इडा आंटी ने उन्हें अंदर आमंत्रित किया। मेज़ सजी हुई थी और लज़ीज़ खाने की खुशबू हवा में तैर रही थी। बच्चे भूखे थे और वे सब कुछ खा गए। गाइया अपनी बुआ को अपने एहसास के बारे में बताने से खुद को रोक नहीं पाई, जो उसने पूरी यात्रा के दौरान महसूस किया था।

खाने के बाद गाइया ने साफ-सफाई में इडा की मदद की। दूसरी तरफ लिबेरो एलियो को अपनी मदद के लिए अधिकार पूर्वक खेत पर खींच ले गया।

शाम को आंटी इडा ने बताया कि गर्मियों भर के लिए दुछत्ती ही उनका सोने का कमरा रहेगी। हालांकि अभी, जब तक दुछत्ती तैयार नहीं हो जाती, उन्हें लिविंग रूम में रखे सोफा बेड पर सोना था।

गाइया सीढ़ियों की ओर भागी और दुछत्ती देखने के लिए अपनी आंटी के पीछे पीछे गई। दूसरी तरफ एलियो इस अतिरिक्त बुरी खबर से सदमे में था।

वे पहली मंज़िल पर पहुंचे, जहां इडा और लिबेरो सोते थे। इसी मंज़िल पर एरकोल का भी कमरा था, उनका सबसे छोटा भाई, जो समर कैंप गया हुआ था। इडा ने लकड़ी की सीधी की ओर इशारा किया, जो दुछत्ती तक जाती थी। वह ऊपर नहीं गई, क्योंकि वह पहले ही ऊपर-नीचे करते करते बुरी तरह थक गई थी। वास्तव में वह कमरे में हवा की आवा-जाही बहाल करने के लिए पूरे दिन ही वहाँ रही थी।

इसी बीच इडा आंटी अपने कमरे में गई और उसने सूचना देने के लिए गुप्त रूप से अपनी भाभी ज्यूलिया को फोन किया।

फोन की घंटी दो बार भी नहीं बजी होगी। ज्यूलिया ने फौरन फोन उठा लिया।

“हैलो डियर, सब कैसा चल रहा है?” इडा ने पूछा।

“सब ठीक है, शुक्रिया। लेकिन मुझे बताओ, वह कैसा चल रहा है।”

“वह बिना बेहोश हुए स्टेशन से यहाँ तक चल कर आया। वह सोच रहा था कि मैं कार में उन्हें घर लाने वाली हूँ। लिबेरो ने उससे झूठ बोला और उसे हमारी गाय के बारे में बताया कि कैमिला प्रसव वेदना में थी।” इडा हंस रही थी।

“मैं उसे पसीना बहाते देखना पसंद करती।”

“हमारे खाना खाने के बाद......” इडा ने कहना शुरू किया था कि ज्यूलिया ने उसकी बात काट दी।

“क्या उसने कुछ खाया?”

“हाँ उसने पहला और दूसरा, दोनों कोर्स खाये।”

“वाह! यहाँ घर पर तो वह सैंडविच का एक कौर तक नहीं खाता था।”

“हालांकि यह मुश्किल होगा,” इडा ने कहा, “लेकिन मुझे यकीन है कि वह ठीक हो जाएगा।”

वह सुन सकती थी कि पृष्ठभूमि में कार्लो सवाल पूछ रहा था और हँस रहा था।

“टीवी और वीडियो गेम चले गए। चरमवाद की पराकाष्ठा है।”

एलियो बिस्तर पर लेटा था। वह अपना शरीर हिला नहीं सकता था। उसको इतना हिले डुले सालों गुज़र चुके थे।

स्कूल में जिम की क्लास से बचने के लिए वह हमेशा कोई न कोई बहाना ढूंढ लेता था।

“एलियो, अपनी बहन को बुलाओ। मुझे रात के खाने के लिए उसकी मदद चाहिए।”

एलियो ने जो सुना था, उस पर उसे यकीन नहीं हुआ। वह वास्तविक नहीं हो सकती थी।

लेकिन इडा आंटी ने ऐसे लहजे में बात की थी कि वह नकारात्मक जवाब दे ही नहीं पाया।

“एलियो, जो मैं ने कहा, क्या तुमने सुना?”

“अच्छा।” उसने जवाब दिया और अनमने मन से सीढ़ियों की ओर चला।

वह लकड़ी की सीढ़ियों के ठीक नीचे ठहर गया और उसका नाम पुकारने लगा।

अपने भाई के चिल्लाने के बावजूद गाइया जवाब नहीं दे रही थी।

फिर एलियो ने और भी नाराजी के साथ सीढ़ियाँ चढ़ने का फैसला किया। दुछत्ती के नीम अंधेरे कमरे में वह और भी बेचैनी महसूस करने लगा। हर कदम के साथ दुछत्ती तक पहुँचना नामुमकिन सा महसूस हो रहा था। जैसे ही उसका सिर छत को छूने लगा, उसने अपनी बहन का नाम पुकारना शुरू किया। लेकिन फिर से, कोई जवाब नहीं मिला। उसने खुद को आखिरी सीढ़ी के ऊपर घसीटा। और तब ऊपर से किसी चीज़ ने उसकी बांह पकड़ ली।

वह आँखें बंद किए, चेहरे पर डर के भाव लिए बिना हिले-डुले खड़ा रह गया।

"पकड़ लिया!" गाइया चिल्लाई, जिसने ध्यान दिया था कि एलियो डर गया है।

"दूर हटो। तुमने मुझे डरा दिया। तुम्हें जवाब देना चाहिए था।"

गाइया ने ध्यान नहीं दिया, क्योंकि उसे जो मिला था, उससे वह चकित थी। उसने कहा:

"यह दुछत्ती अजीब चीज़ों से भरी पड़ी है। यहाँ आओ। इसे देखो..."

एलियो ने सीढ़ियाँ पार कीं और अपनी बहन के पीछे-पीछे गया, जो पुरानी तस्वीरों को उलट-पलट रही थी।

“यह बहुत मज़ेदार है।” उसने फोटो एलियो की ओर बढ़ाते हुए कहा।

“क्या मज़ेदार है?” एलियो ने पूछा।

“क्या,” गाइया ने पूछा, “तुम उन्हें नहीं पहचान पाए?”

“कौन?” एलियो ने फिर पूछा।

“यह डैड हैं।” गाइया ने कहा।

“डैड? हाँ तुम ठीक कह रही हो। मैं उन्हें इस तरह के कपड़ों में पहचान नहीं पाया। वह थोड़ा लिबेरो के जैसे दिख रहे हैं। वे बुनियादी तौर पर एक ही जैसे कपड़े पहनते हैं।”

आखिरकार, काफी लंबे समय के बाद वह मुस्कुराया था। इस बीच गाइया दूसरी तस्वीरों को देखने में व्यस्त थी।

“क्या तुमने यह वाली देखी? मुझे लगता है कि यह लिबेरो के बहुत बचपन की तस्वीर है। वह इतना गंभीर और उदास दिख रहा है कि लगता ही नहीं है कि यह वही है।”

तस्वीर में एक कांतिहीन और कमजोर बच्चा दिख रहा था, जो निस्तेज आँखों से सामने देख रहा था।

“वह कितना अजीब सा दिख रहा है।” गाइया ने टिप्पणी की।

तस्वीर में वह बगीचे में खड़ा था और वह अपने हाथों में अपनी खिलौना कार पकड़े हुए था। तस्वीर थोड़ी धुंधली हो गई थी क्योंकि सूरज उसके पीछे था। तस्वीर में लिबेरो अकेला था, हालांकि एक दूसरी छाया भी थी जो उसकी छाया के बगल में थी।

एलियो ने इसे देख लिया और चिंतित स्वर में कहा:

“क्या तुम्हें यह छाया दिख रही है?”

“कौन सी?”

एलियो को घबराहट महसूस होने लगी थी।

“यह वाली, यहाँ पर। क्या तुम्हें नहीं दिख रही? यह छाया किसी भी चीज़ से संबंध नहीं स्थापित कर रही।” उसने तस्वीर की तरफ उंगली से इशारा करते हुए कहा।

“यह? यह तो पेड़ की छाया है।”

हालांकि गाइया को पूरी तरह विश्वास नहीं था, लेकिन उसने अपने भाई को दिलासा देने का प्रयास किया।

एलियो नहीं चाहता था कि उसकी बहन को लगे कि वह पागल हो गया है, उसने बात का विषय बदलने का निर्णय लिया।

“हमें नीचे जाना होगा। इडा आंटी ने मुझे यहाँ तुम्हें बुलाने के लिए भेजा है। उन्हें तुम्हारी मदद चाहिए।”

“क्या तुम यहीं ठहरोगे?” गाइया ने सीढ़ियों की ओर छलांग लगाते हुए पूछा।

एलियो ने सोचा कि यहाँ अकेले ठहरने का तो कोई सवाल ही नहीं था।

“नहीं, मैं तुम्हारे साथ आ रहा हूँ।” उसने कहा।

गाइया ने देखा कि उसकी आंटी रात का खाना बनाने में व्यस्त है, और वह उनकी मदद करने लगी।

एलियो सोफ़े पर लेटने ही वाला था जब उसने इडा की आवाज़ सुनी।

“तुम क्या कर रहे हो? आ कर हमारी मदद करो। यह आराम करने का समय नहीं है। मेज़ लगाओ, प्लीज।”

“लिबेरो कहाँ है?” गाइया ने पूछा।

“ज़रूर वह तबेला बंद कर रहा होगा।” इडा ने जवाब दिया, “एलियो, अगर तुम्हारा काम समाप्त हो चुका हो तो क्या तुम जा कर उसे बुला लाओगे?”

“मैं जाती हूँ।” गाइया ने मुसकुराते हुए प्रस्ताव रखा।

“नहीं, मुझे तुम्हारी यहाँ ज़रूरत है। अपने भाई को जाने दो।”

“हाँ।” एलियो ने थके हुए स्वर में जवाब दिया, जो असामान्य रूप से भूखा था।

उसने सामने के दरवाजे के बाहर कदम रखा और अपने भाई की खोज में चारों ओर नज़रें दौड़ाईं, जो खेत में ट्रैक्टर पर बैठा आकाश की ओर ताक रहा था।

एलियो उसकी ओर बढ़ा और उसे ऐसा महसूस हुआ कि परिवार में हर कोई बहरा हो गया है: उसने उसे कई बार पुकारा, लेकिन लिबेरो ने जवाब नहीं दिया।

“मैं वाकई आशा करता हूँ कि यह खराब हो गया है। काश मुझे लेटने का मौका मिल जाता और मुझे किसी का आदेश न मानना पड़ता।” एलियो ने सोचा।

उसे जवाब पाने के लिए बिलकुल ट्रैक्टर के नीचे तक जाना पड़ा।

“तुम चिल्ला क्यों रहे हो?” लिबेरो ने पूछा।

“तुम्हें अंदर चलना चाहिए, खाना तैयार है।” एलियो ने जवाब दिया।

“ऊपर आ जाओ।” लिबेरो ने कहा, जैसे कि एलियो ने जो कहा वह उसने सुना ही न हो।

“ऊपर वहाँ?”

“हाँ, यहाँ ऊपर। मैं तुम्हें कुछ दिखाऊँगा।”

एलियो ऊपर चढ़ा और उसके बगल में बैठ गया।

“देखो, यह कितना खूबसूरत है।” लिबेरो ने आकाश की ओर इशारा करते हुए कहा, “कुछ सालों पहले तक मैं इसे नहीं देख पाता था।”

“क्या?” एलियो ने ऐसे पूछा जैसे वह ढूँढने का प्रयास कर रहा हो कि वह किस बारे में बात कर रहा है।

“आकाश।” उसने दोहराया।

“आकाश?”

“हाँ, आकाश। यह एक खूबसूरत चीज़ है। लेकिन अक्सर अपने जीवन में हम अपने हाथ ऊपर नहीं उठाते। और मैं केवल मौसम की जांच करने की बात नहीं कर रहा हूँ, बल्कि इस पर चिंतन करने की बात कर रहा हूँ, अकेले में, उसी तरह, जैसे हम समुद्र पर चिंतन करते हैं। यह बिलकुल वैसा ही है, जैसे समुद्र को सराहना आसान है; इसीलिए इसकी ज़्यादा प्रशंसा की जाती है। क्या कभी तुमने रुक कर आकाश को सराहा है?”

“नहीं।”

“तुम्हें करना चाहिए। यह तुम्हें ऊंचा उठाता है और तुम चीजों को सही दृष्टिकोण से देख पाते हो।”

एलियो, जो अपने भाई की गहरी बातों से चकित था, खामोशी से उसके साथ रह कर कुछ देर आकाश को देखता रहा।

चौंधिया देने वाले सफ़ेद से ले कर धूम्र रंग के, बादल आकाश की दो पट्टियों के बीच तैर रहे थे। उनके नीचे वाली पट्टी सीसे जैसी स्लेटी थी, उनके ऊपर की पट्टी गहरी नीली थी, जो डूबते हुए सूरज की अंतिम किरणों से सुलग उठी थी। बादलों के किनारे सुनहरे दिख रहे थे, जैसे वे किसी दूसरी दुनिया के प्रकाश से प्रकाशित कर दिये गए हों, जैसे वे वहाँ किसी बीती हुई ज़िंदगी को प्रकाशित कर रहे थे। सफ़ेद वाले दृढ़ चोटियों के जैसे घने थे, स्लेटी वाले ऐसे लगते थे, जैसे कोई बच्चा ज़मीन पर लोट कर मैला हो गया हो।

उन सब के बीच एक आसानी से पहचाना जा सकता था। यह यूनिकॉर्न के आकार का था, और सफ़ेद पृष्ठभूमि के सामने खड़ा था मानो स्लेटी पशु सफ़ेद दिव्य घास के मैदानों में दौड़ रहे हों। जैसे टाईपोलो द्वारा बनाया गया भित्ति चित्र, वह प्राकृतिक अनंत छत जहां तक नज़र जाती थी, वहाँ तक फैली हुई थी, हमारी आत्माओं के अस्तित्व के रहस्य पर: इतनी छोटी, फिर भी अनन्त।

अचानक लिबेरो नीचे कूद गया।

“अब मैं भूख से मरा जा रहा हूँ।” उसने ज़ोर से हँसते हुए कहा।

“तुम्हें भूख नहीं लगी है, एलियो?”

“हाँ।”

“आओ, हमें चल कर खाना खाना चाहिए। फिर कभी मैं तुम्हें ट्रैक्टर पर बैठा कर सैर कराऊंगा।”

उसने घर की ओर बढ़ते हुए कहा।

एलियो ने बिलकुल समय बर्बाद नहीं किया और उसके पीछे चल दिया। वह भी भूख से मरा जा रहा था।

चौथा अध्याय

एक आवाज़ उसके कानों में किसी अजनबी भाषा के शब्द फुसफुसा रही थी

एलियो जल्दी ही उठ गया। इडा आंटी को नज़र अंदाज़ करना नामुमकिन था, जो लगातार उसका नाम ले कर चीख रही थीं। बाहर सूरज निकलने ही वाला था। उसने एक पल के लिए गुलाबी होते हुए आसमान को देखा, उस के मन में पिछली शाम सूरज के डूबने का चित्र खिंच गया और उसने उन शांति के क्षणों को को फिर से जी लिया। लेकिन यह बहुत देर तक नहीं चला क्योंकि उसके कानों में एक तीव्र घंटी सी बजने लगी, जो उसकी आत्मा को छलनी किए दे रही थी और उसने उसे वास्तविकता में आने को मजबूर कर दिया। एलियो, जो अब भी पाजामों में था और आशा कर रहा था कि उसे नाश्ते के लिए जगाया जाएगा, वह रसोई घर में जाने को विवश हो गया।

उसकी आंटी, भाई और बहन पहले ही कपड़े पहन कर और बालों में करीने से कंघी कर के तैयार हो चुके थे, जैसे अभी 5.30 की जगह 8 बज चुके हों। घर में उत्सव का माहौल था; एर्कोल समर कैंप से वापस घर आ रहा था और इडा इस बात से उत्साहित थी कि उनका बेटा वापस घर आ रहा है। वह पाँच दिन तक घर से बाहर था और वह चिंताग्रस्त रही थी। जब से लिबेरो के साथ बचपन में वह हादसा हुआ था, तब से जब भी उसके बच्चे बाहर जाते थे, वह हमेशा चिंतित रहती थी। वह कभी भी उन्हें अपनी नज़रों से दूर नहीं करना चाहती थी।

जैसे ही उसने एलियो को इस अस्तव्यस्त हालत में देखा, एक फौजी अफसर की तरह इडा ने उसे तरो-ताज़ा होने के लिए वापस भेज दिया।

इडा एक मजबूत महिला थी, जिसे जीवन की मुश्किलों ने शक्तिशाली बनाया था। अपने पति की मृत्यु और अपने बेटे के साथ हुई समस्या के बाद उसे इस उससे बिलकुल अलग ज़िंदगी को अपनाना पड़ा था, जैसी वह अपने पति के साथ शहर में जीती रही थी।

उसने उग्रता और दृढ़ता से इस नई चुनौती को अपनाया था। कभी कभी वह अकेले में रो पड़ती थी, लेकिन इसके बावजूद उसने अपनी दृढ़ता को नहीं खोया।

उसका अधिकार पूर्ण लहजा उसकी ढाल था। हालांकि अंदर से वह एक कप केक की तरह मधुर और मुलायम थी।

कुछ देर बाद एलियो, अपने खराब मूड और भूख के बावजूद ठीक से कपड़े पहन कर काफी तरो-ताज़ा हो कर आ गया।

उसे दूध और चॉकलेट और ताज़ा पेस्ट्रियों की महक आ रही थी, जो इडा ने पिछले दिन बनाई थीं।

वे दूध और चोटी के आकार के विभिन्न ख़ुशबुओं वाले ब्रिओच थे: दालचीनी, सौंफ और तिल, उसका पसंदीदा।

उसकी बहन और लिबेरो पहले ही उन्हें दूध में डुबो रहे थे।

लिबेरो ने उससे पूछा:

क्या तुम्हें पता है, आज कौन आ रहा है?

एलियो उसके प्रश्न पर चौंका।

“कौन?” उसने जवाब दिया।

“एर्कोल, मेरा छोटा भाई!”

“एलियो कुछ नहीं कह सका, लेकिन वह अपने हमजोली के बारे में बिलकुल ही भूल गया था।”

“कहाँ से?” उसने पूछा, क्योंकि उन्होंने इस बारे में बात ही नहीं की थी।

“क्या?” गाइया ने जवाब दिया, "इडा आंटी ने हमें कल बताया था।"

“वह समर कैंप से वापस आ रहा है।” लिबेरो ने मुसकुराते हुए बताया।

“दुछत्ती तुम दोनों का इंतज़ार कर रही है।” उनकी आंटी ने ऐसे लहजे में कहा कि बहस की कोई गुंजाइश ही नहीं थी, “चलो एलियो, नाश्ता खत्म करो और काम पर लग जाओ। गाइया जा कर तुम्हारी थोड़ी सहायता करेगी। मुझे एक संदेश पहुंचाने के लिए उसकी आवश्यकता है।”

एलियो ने इस विचार से राहत महसूस करते हुए कि वह कुछ समय दुछत्ती पर अकेले में बिता पाएगा, उसने एक ही सांस में अपना दूध पी लिया। वह खुश था कि वह अपने एमपी3 प्लेयर पर फिर से अपना संगीत सुनने जा रहा था।

उसने घर में सब जगह इसकी तलाश की, लेकिन वह उसे कहीं नहीं मिला। वह रसोईघर में वापस गया और पूछा:

“क्या किसी ने मेरा एमपी3 प्लेयर देखा है?”

 

“दुर्भाग्य से कल इसे कुछ हो गया था। तुम इसे सोफ़े पर छोड़ गए थे। जब मैं ने सोफाबेड खोला तो यह फ्रेम यान्त्रिकी के बीच फंस गया.....इसमें कुछ भी नहीं बचा है, लेकिन मैं ने मेमोरी कार्ड बचा लिया है।” उसकी आंटी ने कहा, जिसने एक रकाबी से मेमोरी कार्ड निकाला और उसे दिया।

“दिन कितने खराब तरीके से शुरू हुआ है” एलियो सोचता रहा। वह अपनी आम रफ्तार से दुछत्ती की सीढ़ियाँ चढ़ा और बत्ती जलाई।

हर तरफ चीजों का ढेर लगा था। उसे सब कुछ साफ करना था और दो बिस्तरों के लिए जगह बनानी थी। उसके लिए यह सोचना भी बहुत ज़्यादा था। इसलिए उसने कुछ ताज़ा हवा और सूरज की रौशनी अंदर आने देने के लिए बीच की बड़ी सी खिड़की को खोलने और कहीं बैठ कर गाइया के आने का इंतज़ार करने का निर्णय लिया।

लेकिन फिर किसी चीज़ पर उसकी नज़र पड़ी। यह एक किताब थी, जो एक पुराने लकड़ी के बक्से पर रखी थी, और अजीब था कि यह उस किताब के जैसी दिखती थी, जो बूढ़ा आदमी ट्रेन में पढ़ रहा था। यह एक अजीब इत्तेफाक था। निश्चित तौर पर यह बहुत आम किताब नहीं थी, जिससे वह घबरा गया। अचानक वहाँ एक प्रकाश फैल गया और एलियो को एक बुरे शगुन की तरह वह अजीब आवाज़ सुनाई देने लगी, जो उसके कानों में किसी अनजानी भाषा के शब्द फुसफुसा रही थी।

हालांकि वह जानता था कि यह असंभव है, एलियो को डर लगने लगा कि बूढ़ा अंधेरे में यहाँ उसके साथ हो सकता है। उसने बत्ती के स्विच की तलाश की, लेकिन उसे ऑन नहीं कर सका। लाइट बल्ब फट सकता है। एक गहरे तक जड़ें जमाए हुए डर उस पर हावी होने लगा। आवाज़ तेज़ से तेजतर होती जा रही थी और उसके मस्तिष्क में गूंज रही थी। वह अंधेरे में खिड़की टटोलने लगा और सभी चीज़ें, जिनके बीच से वह चल रहा था, उसके साथ घिसटती रहीं।

जब उसे हैंडल मिला तो उसे महसूस हुआ कि इसमें ताला लगा हुआ है और उसने उसे खोलने की आशा में काँच पर मुक्के मारने शुरू कर दिये।

वह काँप रहा था और उसे ठंडे पसीने छूट रहे थे।

अचानक बत्ती जल गई। एलियो पीछे मुड़ा, वह चीखना चाहता था, लेकिन उसकी आवाज़ ही नहीं निकल रही थी।

फिर उसने गाइया को देखा।

“एलियो, क्या तुम ठीक हो? यह सारा शोर कैसा है? क्या तुम्हें चोट लगी है?”

लड़का किसी चादर की तरह सफ़ेद पड़ गया था, काँप रहा था और व्यथित लग रहा था।

गाइया ने उसे कस कर अपनी बाहों में भींच लिया और चिंतित स्वर में उससे फुसफुसाई:

“क्या सब ठीक है? यह फिर से हुआ, है ना? वह चीज़ जो तुम्हें डरा देती है.....”

एलियो ने न तो जवाब दिया, न ही उसे वापस गले लगाया। वह अब भी दूर, बहुत दूर, अपने विचारों की गहराई में था। वह अपनी त्वचा पर उसके आलिंगन की गर्माहट को महसूस नहीं कर पा रहा था। ऐसा लग रहा था कि वह पत्थर का बना है।

जब एलियो अपने आपे में आ गया तो गाइया ने अपने आलिंगन को थोड़ा ढीला कर दिया।

जो पहला काम उसने किया वह यह कि उसने जांच की कि वह पुरानी किताब अब भी वहाँ थी, जहां उसने उसे देखा था, या यह केवल उसकी कल्पना थी।

दुर्भाग्य से यह अब भी वहीं थी। और उसकी दृष्टि फिर से ठंडी पड़ गई।

गाइया ने ध्यान दिया कि अभी क्या हुआ था और वह उस पुरानी किताब के पास गई। वह जानना चाहती थी कि क्या यही उसके भाई की परेशानी का कारण थी? उसने एलियो की नज़र का पीछा किया।

वह बिलकुल उस पुरानी किताब को ही घूर रहा था। वह मुड़ी और उसने उसको उठा लिया और किताब अपने हाथ में लिए उसने उसे संबोधित किया:

“क्या यही तुम्हारे डर का कारण है?”

एलियो ने एक शब्द तक नहीं कहा।

“एलियो, मुझ से बात करो। अगर तुम मुझसे दूर रहने की ज़िद करोगे तो मैं तुम्हारी मदद नहीं कर पाऊँगी।”

“ट्रेन।” एलियो फुसफुसाया।

“ट्रेन? तुम्हारा मतलब क्या है?”

“मैं ने ट्रेन में बिलकुल यही किताब देखी थी।”

“इसमें इतना अजीब क्या है?”

“जब तुम पैंट्री कार में गई थीं, तब वह अजीब बूढ़ा आदमी इसे पढ़ रहा था। वह मेरे पीछे वाली पंक्ति में बैठा था।”

“बहुत से लोग सफर करते समय किताबें पढ़ते हैं।”

“लेकिन यह कोई आम किताब नहीं है, क्या तुम नहीं देख पा रही हो।” एलियो ने जवाब दिया, जो नाराज़ हो गया था।

दरअसल गाइया ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया था कि किताब का मुखपृष्ठ कितना विशिष्ट है, और जब उसने इसे खोला तो वह और भी हैरान रह गई।

यह किसी विदेशी भाषा में लिखी हुई थी। श्वेत-श्याम तस्वीरें पूरे चाँद की रात में जंगल में अजीब सी आकृतियों को दर्शा रही थीं। इसमें से अधिकतर तस्वीरें व्यथित कर देने वाली थीं।

लेकिन उसने उन्हें न देखने का नाटक किया। उसने तुरंत किताब बंद कर दी और उसे कोने में फेंक दिया।

“छोड़ो, यह बस एक संयोग है। यह केवल एक पुरानी किताब है।”

एलियो ने खामोशी बरकरार रखी; उसके कानों में घंटी फिर से बजने लगी थी।

गाइया ने उसका ध्यान भटकाने का प्रयास किया, हालांकि वे भुतहा तस्वीरें उस के दिमाग से निकल ही नहीं रही थीं।

“आओ, इन बक्सों को रौशनी में खिसकाने में मेरी मदद करो। चलो हम रौशनदान के नीचे थोड़ी जगह बनाएँ। यहीं मैं अपना बिस्तर बिछाना चाहती हूँ। दुर्भाग्य से हमें एक ही बिस्तर पर सोना पड़ेगा, और मैं सितारों की रौशनी के साये में सोना चाहती हूँ।”

वे पूरी सुबह अच्छी गति से काम करते रहे। गाइया ने अपनी बकबक से एलियो का ध्यान भटकाने में कामयाबी पाई और जो कुछ हुआ था उसके बाद वह थोड़ा ऊर्जा के साथ प्रतिक्रिया देता दिख रहा था।

उन्होंने पूरी दोपहर हर चीज़ को साफ करने में बिताई, जब तक कि इडा आंटी ने उन्हें थोड़ा आराम करने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया। उस रात एर्कोल घर वापस आ रहा था और वे जश्न मनाना चाहते थे।

लिबेरो ने वादा किया था कि वह उन्हें फसल कटाई के उत्सव में नृत्य करने के लिए ले जाएगा, जो कस्बे में होने जा रहा था।

उन्होंने एक कार के हॉर्न के बजने की आवाज़ सुनी। यह पुरानी स्थानीय बस थी, जो सप्ताह में दो बार गुजरती थी। शहर के विभिन्न पडोसों से गुजरने के बाद यह अंततः उनके कस्बे में आती थी। आमतौर पर बच्चे इसका प्रयोग ट्रिसेनटीएरी के अपने समर कैंप से घर वापस लौटने के लिए करते थे, जो मुख्य कस्बे से अधिक दूर नहीं था।

लिबेरो घर से बाहर निकल आया, और हमेशा की तरह उसने अपने भाई को उठा लिया जो अपने भारी बैगपैक को भी उठा नहीं पा रहा था, और उसे घुमा कर सामने के दरवाजे तक ले आया। जब एर्कोल उस भिंची हुई स्थिति से निकला तो उसे अपनी माँ से निपटना पड़ा।

वह प्रेम की इस अभिव्यक्ति से खुश था, लेकिन उसे ऐसा लग रहा था कि वे थोड़ा अति क्रिया कर रहे थे, क्योंकि वह केवल पाँच दिन के लिए ही तो गया था।

उसने प्यार से गाइया के गालों को चूमा, जो उसे बहुत प्यारी लगी थी, और एलियो को ठंडेपन से हैलो कहा, जिसके कारण टीवी और उसके प्यारे विडियो गेम जाते रहे थे।

एरकोल गाइया की उम्र का ही था, और किसी ग्रीक नायक की तरह वह लंबा, मांसल और बलिष्ठ था और वह स्थानीय कुश्ती दल में था।

उसके काले बाल क्रू कट में सँवरे हुए थे। उसकी गहरी आँखें और जैतूनी रंग की त्वचा उसे और भी असभ्य दिखाती थी, जितना कि वह वास्तव में नहीं था। वास्तव में वह अच्छे स्वभाव वाला लड़का था, जो दुर्भावना नहीं पाल सकता था।

रात का खाना समय से पहले ही परोस दिया गया, ताकि उन्हें उत्सव के लिए तैयार होने के लिए ढेर सारा समय मिल जाए। उनके पास उत्सव में जाने के लिए अभी घंटों बाक़ी थे, लेकिन इस अवसर के लिए इडा ने सच्ची दावत का इंतजाम किया था और उन सभी को एक दूसरे को वे सारे पकवान पहुंचाने के लिए समय चाहिए था।

इसके बाद वे जाने के लिए तैयार हो गए।

घर के सभी मर्दों को अपेक्षा से अधिक समय तक इंतज़ार करना पड़ा। इडा और गाइया दोनों बहुत समय ले रही थीं। एलियो मूड में नहीं था। साथ ही वह सोच रहा था कि जो पहनावा पूरे दिन उसने दिखाया था, वह कुछ ज़्यादा ही था। एर्कोल ने जींस पहनी थी और बालों में बहुत सा जेल लगाया था।

लड़कों में लिबेरो को सबसे ज़्यादा समय लगा। वह तब तक अपने कमरे से बाहर नहीं आया, जब तक वह पूरी तरह तैयार नहीं हो गया। वह अपनी कैप्री पैंट और राग-बिरंगी कमीज़ में जीवन से भरपूर लग रहा था, जो सब पर कुछ ज़्यादा ही लगती, लेकिन उस पर जंच रही थी।

उसकी आँखें चमक रही थीं। यह एक ऐसा उत्सव था, जिसका वह सबसे ज़्यादा मज़ा उठाता था।

जैसे ही सब तैयार हो गए, एलियो ने उस यातना से भागने का प्रयास किया, लेकिन उसे उसकी आंटी के उत्साह ने पकड़ लिया, जो पहचान में ही नहीं आ रही थी। उसने एक काली फूलों वाली ड्रेस और ऊंची एड़ी के जूते पहने थे और उसके बाल उसके कंधों पर लहरा रहे थे। इसके अलावा उसने अपने चेहरे पर मेकअप किया था। उसने उसे अपनी बाहों में भर लिया और उसे बाहर तक ले आई।

रास्ते भर वे रौशनियों की, छोटी छोटी झंडियों की और सजावट की तारीफ करते रहे, जो उस साल के उत्सव के आयोजकों द्वारा की गई थी।

सड़क के किनारे सभी आकृतियों में घास के गट्ठर कस्बे को सजा रहे थे।

शहर के केंद्र में युद्ध स्मारक पैरे से बने हुए विशाल पहियों से घिरा हुआ था।

मुख्य चौक पर मंच बनाया गया था, जहां मार्चिंग बैंड का प्रदर्शन होना था।

डांस फ्लोर के चारों ओर सारी कुर्सियों पर बुज़ुर्गों ने कब्जा कर रखा था, जो बातें कर रहे थे और जवान लोगों के नृत्य की तारीफ करने का इंतज़ार कर रहे थे। छोटे बच्चे पहले ही बड़ों की नक़ल करते हुए डांस फ्लोर पर दौड़ लगा रहे थे, जो नृत्य के दौरान उनको नज़र अंदाज़ कर देने वाले थे।

उस रात शहर में हर कोई गाइया और एलियो के आने की बात कर रहा था। बुजुर्ग और बड़े लोग पुराने समय को याद कर रहे थे जब दोनों भाई-बहन शहर आया करते थे।

लोगों के विभिन्न दृष्टिकोण थे: कुछ लोग उन्हें दो गुस्सैलों की तरह याद कर रहे थे, कुछ अन्य अच्छे बच्चों की तरह। दूसरी तरफ उनके पुराने दोस्त पुराने समय को याद कर रहे थे, जब वे स्कूल गोल करके खेतों में गायब हो जाते थे।

कोई कहता कि एलियो अपने पिता के जैसा दिखता है, दूसरा कहता, नहीं गाइया दिखती है। कुछ अन्य इस रहस्य को यह कह कर सुलझाते कि वे अपने दादा-दादी के जैसे दिखते हैं।

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