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मारिया ग्राज़िया गुल्लो – मास्सिमा लोंगो

सुपर-हर्बी और स्मार्टी लोमड़ी

सुरेश कांत द्वारा अनूदित

एम. जी. गुल्लो – एम. लोंगो

कॉपीराइट © 2019 एम. जी. गुल्लो – एम. लोंगो

आवरण-चित्र और ग्राफिक्स

मास्सिमो लोंगो द्वारा सृजित और संपादित

सर्वाधिकार सुरक्षित।

ISBN Code::

ISBN-13:

सुपर हर्बी और स्मार्टी लोमड़ी

एक बार एक मुर्गीख़ाने में, वसंत ऋतु के दौरान, जब सभी अंडों से चूजे निकल चुके थे, कुछ अद्भुत घटित हुआ, या शायद यह कुछ अशुभ था?

सभी चमकीले पीले चूजों के बीच घास का एक गुच्छा चल रहा था : लेकिन वह वास्तव में घास का गुच्छा नहीं था!

यह सबसे अजीब घटना थी, जो कभी मुर्गीख़ाने के भीतर ही नहीं, बल्कि

पूरे समुदाय के भीतर घटित हुई थी! यह समझने के लिए कि क्या हुआ है, चूजों की रखवाली करने वाली मुर्गी को दखल देना पड़ा। उसे खुद घास के उस गुच्छे का पीछा करना पड़ा : कौन जानता था कि यह उसके झुंड में कैसे आ गया था? उसने पूरे परिसर में उसका पीछा करना शुरू कर दिया और तब तक करती रही, जब तक उसे यह महसूस नहीं हो गया कि घास का वह नन्हा गुच्छा चीं-चीं कर रहा है।

अपने पूरे जीवन में कभी भी उस मुर्गी ने चीं-चीं करता हुआ घास का गुच्छा नहीं देखा था, हालाँकि वह पिछली कई वसंत ऋतुओं में चूजे पैदा कर चुकी थी और एक इज्जतदार रखवालन रही थी।

कहीं घास के उस गुच्छे में कोई चूजा तो नहीं फँस गया?

शायद कोई नन्हा-मुन्ना चूजा...

जब उसका लक्ष्य एक चोंच भर ही दूर था, और मुर्गी उसे चोंच मारने ही

वाली थी, तभी घास के उस गुच्छे में से एक हरे चूजे का चेहरा झाँका।

मुर्गी ने धीरे से उसे अपनी चोंच से सहलाया और देखा कि उसके पंख हरे हैं। शायद गंदे हो जाने के कारण?

लेकिन यह इतना गंदा कैसे हो गया?

और कहाँ से हो गया?

Age restriction:
0+
Release date on Litres:
27 March 2021
Volume:
26 p. 29 illustrations
ISBN:
9788835420439
Translator:
Copyright Holder::
Tektime S.r.l.s.
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