वरध तकत

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”वरध तकत” खद क हम म स हर एक म मजद महन दवद पर कब पन क वकलप क रप म परसतत करत ह। जवन म कतन बर हम उन परसथतय क समन करत ह जनम दन वकलप अनकल और परतकल परसथतय क हत ह और उनम स एक क चनन क करय ह सह बलदन ह जत ह। हम परतबबत करन और धयन स सचन क लए सखन चहए क कस तरह सचच मरग क पलन कय जन चहए और उस चनव क परणम कय ह। अत म, हम अपन जवन म ”वरध तकत” क इकटठ करन और फल पद करन क जररत ह। इस परकर, हम एक बहत ह वछत खश परपत कर सकत ह।

”वरध तकत” खद क हम म स हर एक म मजद महन दवद पर कब पन क वकलप क रप म परसतत करत ह। जवन म कतन बर हम उन परसथतय क समन करत ह जनम दन वकलप अनकल और परतकल परसथतय क हत ह और उनम स एक क चनन क करय ह सह बलदन ह जत ह। हम परतबबत करन और धयन स सचन क लए सखन चहए क कस तरह सचच मरग क पलन कय जन चहए और उस चनव क परणम कय ह। अत म, हम अपन जवन म ”वरध तकत” क इकटठ करन और फल पद करन क जररत ह। इस परकर, हम एक बहत ह वछत खश परपत कर सकत ह।


पसतक क पहल क लए, हम कह सकत ह क ज यह रन मन नरश क गफ म सन ह। यह रन कतब म बतय गए सभ करनम क करण थ। मशन पर हआ, मझ आश ह क म अपन अतम लकषय तक पहच गय ह ज सरफ एक वयकत क सपन बनन ह। यह वह ह जसक म अभ भ परसतव दत ह कयक हम हस, कररत और अनयय स भर दनय म रहत ह। ”वरध तकत” फर कभ इसक परकशन क बद पहल क समन नह रहग और म पठक क सथ एक नय जखम उठन क इतजर नह कर सकत ज भ ऐस करन क इरद रखत ह।

Detailed info
Age restriction:
12+
Date added to LitRes:
17 October 2019
Size:
220 pp.
ISBN:
9788873047537
Copyright:
Tektime S.r.l.s.
Table of contents
वरध तकत by Aldivan Teixeira Torres — ebook, download epub, txt, mobi, pdf or read online. Leave comments and reviews, vote for your favorite.

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